Maharashtra sanjay raut slammed eknath shinde for questioning uddhav for not attend mahakumbh.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाकुंभ में न जाने को लेकर हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तंज कसा था. उन्होंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में उद्धव के स्नान नहीं करने को लेकर सवाल उठाया था और कहा था कि ठाकरे खुद को हिंदू कहने से डरते हैं. वहीं अब शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोला है.

संजय राउत ने शिंदे पर कटाक्ष करते हुए उनसे पूछा है कि हिंदूवादी नेता शिंदे जो सवाल वो उद्धव ठाकरे से पूछ रहे हैं, क्या वहीं सवाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत से पूछने की उनमें हिम्मत है?. राउत ने कहा कि शिंदे को यह सवाल सबसे पहले मोहन भागवत से पूछना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर भागवत एक हिंदू होने के नाते कुंभ में डुबकी लगाने नहीं गए, तो फिर उद्धव ठाकरे को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?.

‘RSS के लोग भी नहीं गए कुंभ’

पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि उन्होंने RSS संस्थापक डॉ. के बी हेडगेवार या संघ के पूर्व प्रमुखों एम एस गोलवलकर, बालासाहेब देवरस, रज्जू भैया और के. सुदर्शन के किसी भी कुंभ में शामिल होने की तस्वीरें कभी नहीं देखीं. यहां तक कि (हिंदुत्व विचारक) विनायक दामोदर सावरकर भी कुंभ मेले में नहीं गए.

यह सिर्फ प्रचार का हथकंडा…’

इसके साथ ही संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम बनने से पहले मोदी कभी किसी कुंभ में गए थे? . उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रचार का हथकंडा है. इसके आगे उन्होंने ये भी कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले महीने महाकुंभ में गए थे, लेकिन उनके कितने कैबिनेट सहयोगी या (बीजेपी विधायक वहां गए.

‘शिंदे को सवाल पूछने का प्रशिक्षण दे बीजेपी ‘

राउत ने शिंदे की राजनीतिक सूझबूझ की भी आलोचना की और कहा कि बीजेपी को उपमुख्यमंत्री को सवाल पूछने का प्रशिक्षण देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिंदे की गलतियों के कारण उद्धव ठाकरे से ज्यादा बीजेपी और उसके नेता बेनकाब हो रहे हैं.

क्या कहा था शिंदे ने

दरअसल डिप्टी सीएम शिंदे ने प्रयागराज में कुंभ स्नान न करने उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग खुद को हिंदूवादी नेता कहते हैं, लेकिन महाकुंभ में स्नान करने नहीं गए. ऐसे लोगों की कथनी और करनी में फर्क होता है. देश और दुनिया के 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने प्रयागराज जाकर महाकुंभ में स्नान किया, लेकिन कुछ हिंदूवादी नेता वहां नहीं गए.

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